Goods and Services Tax Network (GSTN) ने Finance Act, 2023 के तहत एक नया महत्वपूर्ण advisory issue किया है, जिसमें GST returns के लिए तीन साल की cut-off period निर्धारित की गई है। Notification No. 28/2023 – Central Tax, जो 31 July, 2023 को जारी हुआ था, के अनुसार 1 October, 2023 से effective है। अब taxpayers तीन साल बाद कुछ specific GST returns file नहीं कर सकेंगे, उनकी due dates से तीन साल बाद filing barred कर दी जाएगी। GST portal पर इस provision को early 2025 में implement किया जाएगा।
Major GST Sections Affected:
इस amendment का प्रभाव CGST Act के कुछ major sections पर है:
- Section 37: Outward Supplies (GSTR-1)
- Section 39: Payment of Liability (GSTR-3B)
- Section 44: Annual Return (GSTR-9)
- Section 52: Tax Collected at Source (GSTR-8)
इन sections के तहत filing की जाने वाली returns में शामिल हैं:
GSTR-1, GSTR-3B, GSTR-4, GSTR-5, GSTR-5A, GSTR-6, GSTR-7, GSTR-8, और GSTR-9।
Effective Date और Portal Implementation:
- Effective Date: ये तीन साल की cut-off policy 1 October, 2023 से लागू है।
- Portal Implementation: Early 2025 में GST portal पर यह provision reflect होगा। इस समय के बाद, जो returns तीन साल के अंदर file नहीं की गई होंगी, उन्हें permanently barred कर दिया जाएगा।
Impact on Taxpayers:
- Compliance Pressure:
Taxpayers को timely filing का ध्यान रखना होगा, ताकि returns permanently barred न हो जाएं। यह नया provision compliance को urgent बना देता है। - Record Reconciliation:
Portal update से पहले, taxpayers को advise किया गया है कि अपने records reconcile करें और किसी भी pending returns को तुरंत file कर दें, ताकि disruptions से बचा जा सके।
Scope of Returns Affected:
इस cut-off period का effect निम्नलिखित returns पर पड़ेगा:
- GSTR-1: Outward supplies के लिए return
- GSTR-3B: Tax payment के लिए summary return
- GSTR-4: Composition taxpayers के लिए return
- GSTR-5 & GSTR-5A: Non-resident taxable persons aur online services के लिए returns
- GSTR-6: Input service distributors के लिए return
- GSTR-7: TDS filers के लिए return
- GSTR-8: E-commerce के तहत TCS के लिए return
- GSTR-9: Annual return सभी registered taxpayers के लिए
Advisory for Taxpayers:
Given this significant update, सभी taxpayers से अनुरोध किया गया है कि वे:
- Records Review करें:
अपने पुराने records को review करके identify करें कि कोई pending return तो नहीं है, खासकर उन्हीं categories में जो इस cut-off period से प्रभावित हैं। - Outstanding Returns File करें:
System update से पहले, 2025 में आने वाले update से पहले सभी outstanding returns file करें ताकि permanent filing restriction से बचा जा सके।
GST returns पर तीन साल की bar लगाने का यह कदम GST authorities द्वारा compliance streamline करने के लिए उठाया गया है। यह update records को updated रखने में मदद करता है, लेकिन businesses के लिए compliance responsibility को भी बढ़ाता है। Taxpayers को advised किया जाता है कि अपनी GST filing history को check करें और timelines के अंदर सभी returns submit करें ताकि filing compliance में कोई disruption न हो।
विस्तार से जानकारी के लिए, Finance Act, 2023 और Notification No. 28/2023 – Central Tax को refer किया जा सकता है।
GSTN ने एक महत्वपूर्ण advisory issue की है, जिसमें बताया गया है कि GST Portal पर तीन साल की return filing cut-off period early next year (2025) से implement की जाएगी। इस notification में बताया गया है कि जिन taxpayers ने अभी तक अपनी GST returns file नहीं की हैं, उन्हें जल्द से जल्द अपनी records reconcile करके pending returns file करने की सलाह दी जाती है।
Finance Act, 2023 के अनुसार
Finance Act, 2023 (8 of 2023), dt. 31-03-2023 के तहत यह बदलाव लाया गया है, जो Notification No. 28/2023 – Central Tax dated 31th July, 2023 द्वारा 1 October, 2023 से लागू हुआ। इसके अनुसार, taxpayers को Section 37 (Outward Supply), Section 39 (Payment of Liability), Section 44 (Annual Return), और Section 52 (Tax Collected at Source) के तहत तीन साल बाद returns file करने की अनुमति नहीं होगी। यह provision GSTR-1, GSTR-3B, GSTR-4, GSTR-5, GSTR-5A, GSTR-6, GSTR-7, GSTR-8, और GSTR-9 जैसी returns को कवर करता है।
Compliance के दृष्टिकोण से प्रभाव
Senior Partner Rajat Mohan (AMRG & Associates) ने कहा कि GST returns के filing पर तीन साल की limit compliance requirements में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। इसका उद्देश्य timely compliance को बढ़ावा देना, data accuracy सुनिश्चित करना और GST system में unfiled returns की backlog को कम करना है। तीन साल के भीतर returns file करने की सीमा taxpayers को अपनी records को promptly review और correct करने के लिए प्रेरित करती है।
हालांकि, Mohan ने यह भी नोट किया कि जिन taxpayers के पास पुराने unfiled returns हैं, उनके लिए यह policy challenges ला सकती है, खासकर उनके लिए जिनके पास पुराने records को organize करने में administrative या logistical issues हैं। उन्होंने businesses को सलाह दी कि अपने filing history का proactive review करें और किसी भी outstanding returns को deadline से पहले file करें ताकि compliance issues और penalties से बचा जा सके जो portal पर तीन साल की limit लागू होने पर हो सकते हैं।
Expert Opinions and Recommendations
Tax Partner Saurabh Agarwal (EY India) के अनुसार, नई advisory के आने के बाद taxpayers को दिसंबर 2024 से पहले अपनी adjustments promptly address करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि GST credits, credit notes, और sales data की financial records तथा auto-populated GSTR 2A/2B के साथ thorough reconciliation महत्वपूर्ण है ताकि आगे के potential issues से बचा जा सके।
आगे के लिए, taxpayers को सलाह दी जाती है कि इन activities को समय रहते पूरा करें, न कि तीन साल की अवधि के अंत तक defer करें।
Karthik Mani, Partner (Indirect Tax, BDO India) ने कहा कि यह advisory उन taxpayers पर प्रभाव डालेगी जिन्होंने past periods के लिए अपनी GST returns file नहीं की थी, चाहे वो oversight, documentation की कमी, या registration suspension के कारण हो। नए provision के अनुसार, taxpayers को requisite information compile और reconcile करनी होगी ताकि वो अपनी returns तीन साल की cut-off से पहले file कर सकें। GSTN portal के इस advisory का उद्देश्य कानून द्वारा निर्धारित provisions को enforce करना है, ताकि return filing तीन साल की अवधि के बाद restricted रहे।
Taxpayers के लिए सुझाव:
Taxpayers को advised किया गया है कि अपनी filing history का review करें, और outstanding returns को तीन साल की cut-off period से पहले file कर दें। समय पर compliance सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है ताकि GST system में किसी भी disruption से बचा जा सके।